Wednesday, 25 September 2024

 

अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल समेलन, ग्वालियर 24

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

  • विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर की अध्यक्षता में हुआ सम्मेलन का उदघाटन 
  • मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के प्रत्येक जिले में स्थापित होगा मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज 
  • प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति दी गई है 
  • प्रदेश में 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन शुरू 

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में केरल की तरह प्राकृतिक तथा अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। मेडीकल टूरिज्म विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर में आयोजित हो रहे आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन के उदघाटन सत्र को समत्व भवन भोपाल से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोग्य भारती द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिए जा रहे अतुलनीय योगदान की सराहना की। साथ ही कहा कि इस सम्मेलन में विचार मंथन के बाद जो निष्कर्ष निकलेंगे, उन्हें मध्यप्रदेश में अपनाया जायेगा। साथ ही जन-जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने और रोगमुक्त समाज के निर्माण की योजना तैयार करने में आरोग्य भारती का सहयोग व मार्गदर्शन भी प्रदेश सरकार लेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आरोग्य भारती संस्था का अखिल भारतीय सम्मेलन मध्यप्रदेश में करने के लिए आभार जताया और देश भर से आए संस्था के प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

 

ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में शनिवार से शुरू हुए आरोग्य भारती के दो दिवसीय प्रतिनिधि मंडल के सम्मेलन के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय भारत सरकार के आयुर्वेद सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय, लद्दाख से आए डॉ. पद्मा गुरूमेत, आरोग्य भारती के संरक्षक एवं देश के जाने-माने नेत्र चिकित्सक डॉ. प्रवीण भावसार, आरोग्य भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित, उत्तरप्रदेश से आए प्रतिष्ठित होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. बी एन सिंह एवं आरोग्य भारती संस्था के अन्य पदाधिकारी मंचासीन थे। साथ ही पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री सुरेश सोनी, विधायक श्री मोहन सिंह राठौर तथा श्रीयुत श्रीधर पराड़कर सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं देश भर से आए आरोग्य भारती के लगभग 750 कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद थे।

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मण्डल सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 46 हजार 451 नए पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है, साथ ही 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन भी आरंभ हुआ है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के साथ ही आयुर्वेदिक संस्थाओं की संख्या अभी ओर बढ़ेगी। प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल या आयुर्वेदिक कॉलेज अवश्य हो और इससे प्रदेशवासियों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता न रहे। 

बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना, नर्मदापुरम में आरंभ होंगे आयुर्वेद चिकित्सालय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में मंदसौर, नीमच और सिवनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं, शीघ्र ही इनका लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को एक करने का निर्णया लिया गया। कोविड काल में रोग से बचने के लिए आयुर्वेदिक विधियों और आयुष काढ़े के प्रभाव से सभी परिचित हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से पाँच जिलों बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना, नर्मदापुरम में जल्द ही आयुर्वेद चिकित्सालय आरंभ किए जाएंगे। राज्य सरकार की आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को प्रोत्साहित करने की योजना के अंतर्गत समाज के लोगों द्वारा आरंभ किए गए चिकित्सालयों को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय खेती को प्रोत्साहित करने के लिए देवारण्य योजना का संचालन किया जा रहा है। औषधीय वनस्पतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और उनकी मार्केटिंग के लिए हर साल लघु वनोपज मेले भी आयोजित हो रहे हैं।  

स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए रोगमुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रही है आरोग्य भारती

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वस्थ राष्ट्र के लिए स्वस्थ ग्राम, स्वस्थ ग्राम के लिए स्वस्थ परिवार और स्वस्थ परिवार के लिए स्वस्थ व्यक्ति होना आवश्यक है। यह प्रसन्नता का विषय है कि आरोग्य भारती समाज में स्वास्थ्य संरक्षण और स्वास्थ्य जागरण के साथ ही शोध आधारित कार्य भी कर रही है। भारतीय परंपरा में पहला सुख निरोगी काया के सिद्धांत को मानते हुए स्वास्थ्य को ही सबसे बड़ा धन माना गया है। आरोग्य भारती संस्था द्वारा समाज में स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए रोगमुक्त जीवन जीने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, जो अभिनंदनीय है। 

आने वाला कल स्वस्थ, स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत का है - विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर

विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आने वाला कल स्वस्थ, स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत का है। भारतीय स्वास्थ्य पद्धतियों को अपनाते हुए रोगमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में आरोग्य भारती महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आरोग्य भारती संस्था की सलाह पर देश में डेढ़ लाख से अधिक वैलनेस सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। उन्होंने कहा स्वतंत्रता के बाद हुई देशज चिकित्सा पद्धतियों की अनदेखी और उपेक्षा के कारण इस क्षेत्र में आए अभावों को दूर करने की दिशा में आरोग्य भारती द्वारा किए जा रहे कार्य सराहनीय है। श्री तोमर ने कहा कि बीमारी रहित भारत का निर्माण करने में आरोग्य भारती संस्था संकल्पित होकर जुटी है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी देशज पद्धितियाँ इलाज में अत्यंत कारगर हैं। उन पर गर्व करें और अपनाएँ भी। 

 आरोग्य सम्पदा पत्रिका के भारतीय स्वास्थ्य चिंतन पर केन्द्रित विशेषांक का विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य और विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आरोग्य भारती की स्मारिका "आरोग्य फलदायकम्", भारतीय स्वास्थ्य चिंतन पर केन्द्रित विशेषांक “आरोग्य संपदा”, संस्था की डायरी “आरोग्य भारती” और संस्था के कैलेण्डर का विमोचन भी इस अवसर पर किया। 

योगाचार्य पं. दामोदर लाल शर्मा का हुआ सम्मान 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य में जयपुर से पधारे योगाचार्य पंडित दामोदर लाल शर्मा को स्व. माधवराव धाक्रस स्वस्थ जीवनशैली पुरस्कार से सम्मानित किया। 

भगवान धनवन्तरि व माँ भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ शुभारंभ 

विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं अन्य अतिथियों ने कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में भगवान धनवन्तरि व माँ भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मण्डल सम्मेलन का शुभारंभ किया। 

 आरंभ में आरोग्य भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री भोलानाथ जी ने भगवान धनवन्तरि स्तवन का वाचन किया। इसके बाद आरोग्य भारती संस्था के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने सम्मेलन की भूमिका और संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय सचिव श्री टी एन मंजुला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। स्वागत उदबोधन आरोग्य भारती के पदाधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश बत्रा ने दिया। 

विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने आरोग्य भारती की प्रदर्शनी का किया उदघाटन 

आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मण्डल सम्मेलन आयोजन स्थल पर आरोग्य भारती द्वारा भारतीय देशज अर्थात आयुर्वेद व अन्य वैकल्पिक पद्धतियों पर प्रदर्शनी भी लगाई गई है। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलन कर उदघाटन किया। साथ ही प्रदर्शनी का जायजा भी लिया

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताए जीवन के 2 मूल मंत्र, आरोग्य भारती के कार्यक्रम में साझा किए अनुभव - Scindia Arogya Bharti Program

ग्वालियर: केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को ग्वालियर पहुंचे. यहां आयोजित आरोग्य भारती संस्था के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित हुई सभा को संबोधित किया. केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए.


'देश के विकास में संस्था देती रहे योगदान'

कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में सिंधिया ने कहा कि उन्हें इस संस्था में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. ये वो संस्था है जो पूरे भारत में कार्य कर रही है. जितनी प्रशंसा हम करें वह कम है. इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर मैंने संस्था को अपने कुछ सुझाव दिए हैं. मेरी यही एक आशा और अभिलाषा है देश के विकास और प्रगति में यह संस्था सेवा और सामाजिक योगदान देती रहे.

सिंधिया ने बताए तरक्की के 2 मूल मंत्र

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल से की है. उन्होंने बताया कि जिन्होंने कंप्यूटर के लिए इंटेल की चिप का निर्माण किया वह महान शख्सियत हमारी क्लास लिया करते थे. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उस समय उस कोर्स का आखिरी क्लास लेक्चर उन्होंने पढ़ाया नहीं बल्कि बोर्ड पर दो सेंटेंस लिखे. उन्होंने कहा उनके जाने के बाद इन्हें पढ़ लेना. हम सभी ने उनके जाने के बाद उन सेंटेंस को पढ़ा. वे जीवन के दो महत्वपूर्ण मूलमंत्र थे. पहला था-"परिवर्तन ही मूल मंत्र है विश्व का" और दूसरा-"जीवन में भयभीत रहने वाला व्यक्ति ही आगे बढ़ता है". सिंधिया ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार हम अपनी संस्था में अपनाएं. यह दोनों मूलमंत्र अपनाने से हम जनसेवा को आगे ले जा सकते हैं.

 

 

 


दो दिवसीय सम्मेलन में आरोग्य भारती दिल्ली प्रांत के 10 सदस्यों ने भाग लिया

 

Arogya Bharati team in front of main hall



Arogya Bharati team with their banner at Exhibition Hall
 
Delhi Prant team with Dr Rakesh Pandit, National President of Arogya Bharati


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Highway food break, 4 members went by car lead by Dr Sandeep Agarwal
 

1 comment:

  1. Wonderful program, full of planning and future perspective

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